Monday 20 November 2023

दोस्त मिलते हैं , दिल दुखाते हैं -उड़ान *


 बरसों पुरानी ग़ज़ल डायरी के मुड़े पन्ने से -

दोस्त मिलते हैं , दिल दुखाते हैं 
सब तेरे नाम से बुलाते हैं  

 ये हुनर वक़्त ने सिखाया हमें 
आँख रोए तो मुस्कुराते हैं

लोग हंसते हैं दिल-शिकस्ता पे
तंज़  करते हैं , दिल दुखाते हैं 

राह मुश्किल है शौक़ की और हम 
हद से बढ़ते हैं , लौट आते हैं 

 बाक़ी बचता बस सिफ़र जानां 
उम्र से दिन वो जब घटाते हैं   

हम तो बेनूर  से हैं पत्थर बस 
हम  तेरी लौ से जग मगाते हैं 

दिल की दिल में रही कही न ख़याल 
सोच लेते हैं , कह न पाते हैं

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