मैं आँखें देख कर हर शख़्स को पहचान लेता हूँ
बिना जाने ही अकसर मैं बहुत कुछ जान लेता हूँ
वो कुछ उतरा हुआ चहरा, वो कुछ सहमी हुई आँखें
मुहब्बत करने वालों को तो मैं पहचान लेता हूँ
तजुर्बों ने सिखाई है मुझे तरकीब कि मैं अब
मुसीबत सर उठाये तो मैं सीना तान लेता हूँ
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