मुझे जीवन बिताना आ गया है
घड़े शहरों में भी बिकने लगे हैं
ज़माना फिर पुराना आ गया है
चलो अच्छा नहीं आये हैं गिरधर
हमें परबत उठाना आ गया है
अलग कर दो मुझे अब कारवाँ से
रुको , मेरा ठिकाना आ गया है
चढ़ा है रंग दुनिया का ब-ख़ूबी
तुम्हें भी दिल दुखाना आ गया है
हमें परबत उठाना आ गया है
अलग कर दो मुझे अब कारवाँ से
रुको , मेरा ठिकाना आ गया है
चढ़ा है रंग दुनिया का ब-ख़ूबी
तुम्हें भी दिल दुखाना आ गया है
शिकायत ही नहीं करता किसी से
मुझे रिश्ता निभाना आ गया है
ज़रा मुड़ कर सफ़र को याद कर लो
ए दरियाओ मुहाना आ गया
पिता ख़ुश है कि बेटे को "ख़याल" अब
दो टुक रोटी कमाना आ गया है
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